कहानी सच्चा प्यार – प्यार के रिश्तों की एक अनूठी कहानी

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‘नहीं उन्हें किसी बहुत जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा।’

‘ गौरी अपना सैलफोन नम्बर दें गई हैं। मेरी भी अभी अधूरी बात रह गई है जब तक वो वापिस नहीं आ जाती तब तक मुझे उनका इन्तिजार करना होगा।’ ऋद्धिमा ने एक गहरी साँस छोड़ते हुये कहा।

एक दिन बाद हड़बड़ाती आवाज में नीरव का फोन गौरी के पास जाता हैं। ‘हैलो गौरी में नीरव बोल रहा हूं , गौरी के कानों में नीरव की काँपती हुई आवाज़ पड़ती है।

‘तुम्हारी आवाज में इतना कम्पन क्यों हैं। रिद्धमा तो ठीक तो है?’

‘नहीं गौरी वो तुम से आख़िरी बार मिलना चाहती है, एक-एक सांस सिर्फ तुम से मिलने के लिए ही ले रही है।’ दर्द भरी आवाज में नीरव ने कहा।

गौरी ने चिंतित स्वर में कहा ‘नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा, मैं अगली फ्लाइट से शाम तक पहुंच जाऊँगी।’

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एयरपोर्ट से गौरी सीधे रिद्धमा के पास आ जाती है।

बालों को सहला कर गौरी कहती है ‘रिद्धमा तुम ठीक हो जाओगी ऐसे जीने की उम्मीद…

रिद्धमा बीच में ही टोक कर कहती ‘अब मुझे बोलने दीजिए प्लीज आप सुनिए शायद भाग्य को मेरा और नीरव का साथ रास नहीं आया तभी तो नीरव से मेरा बहुत ही कम समय में साथ छूट रहा है।’

‘विधाता आप दोनों को मिलना चाहता है, तभी तो अब तक आप ने कोई दूसरा जीवन साथी नहीं चुना पर अब कोई भी मुश्किल आये मगर नीरव का साथ मत छोड़ना रिद्धमा गौरी का हाथ नीरव के हाथ में थमा कर कहती है, और आप दोनों का प्यार पाने के लिए मैं आप दोनों की बेटी बन कर आऊँगी।’ ऋद्धिमा ने डबडबाई आँखों से कहा।

रूम का माहौल भारी हो गया था। तीनों की आँखों में आँसू थे। गौरी तो अपनी रुलाई रोकने के प्रयास में अपने होंठ काट रही थी।

‘जो प्यार मुझे इस जन्म में नहीं मिला वह प्यार मैं आप दोनों की बेटी बन कर पाऊँगी। आप दोनों मुझे बड़े ही लाड़-प्यार से पालोगे, पालोगे न??।’ ऋद्धिमा ने इतनी मासूमियत और कातर स्वर में पूंछा, और मानो बाँध टूट गया। गौरी और नीरव फफक – फफक रो पड़े।

गौरी नीरव ने हां में सिर हिलाते हैं। नीरव, रिद्धमा को अपनी बांहो में भर लेता है। आँखों से गिरते आँसू और दर्द भरी आवाज़ में कहता है ‘रिद्धमा मैं तुम से बहुत प्यार करता हूँ।’ I love you so much.

रिद्धमा आखरी सांस नीरव की बांहो में लेती है। उसके चेहरे पर एक शांत और निश्छल मुस्कान फैली हुई होती है।

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नीरव और गौरी की शादी के एक वर्ष बाद उनके घर में एक प्यारी सी बेटी जन्म लेती है। गौरी ,नीरव से मुस्कराकर कहती है लो हमारी रिद्धमा वापिस आ गई।

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