कहानी सच्चा प्यार – प्यार के रिश्तों की एक अनूठी कहानी

‘गौरी जी मेरे पास समय बहुत कम है, आप और मैं मेरी स्थिति को बेहतर समझ सकते हैं। मैं सिर्फ मरीज होती तो आप की बातों पर यकीन कर लेती, मगर क्या करूँ इत्तिफाक से मैं भी डॉक्टर हूँ, हंस कर रिद्धमा ने कहा।’
दूसरे पल ही उदास हो कर ‘पता नहीं ये नीरव कहाँ रह गये।’
डॉक्टर एस.के.मेहता रिद्धमा का चैक अप करने आते है ‘गुडमार्निंग मिस डॉक्टर गौरी जी।’ रिद्धमा के चेहरे पर एक मुस्कान बिखर जाती है, यह जानकर की गौरी ने अभी तक शादी नहीं की, डॉक्टर एस.के.मेहता के जाने के बाद रिद्धमा कहती है, ‘मैं नीरव को अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगी।’
‘क्या?’ गौरी आश्चर्य से कहती है। ‘मेरी एक बहुत बड़ी चिंता खत्म हो गई है, जब मुझे पता चला की मुझे ब्लड कैन्सर हुआ है और मेरे बचने के चान्स बहुत ही कम है। बस तब से
मैं भगवान से एक ही दुआ कर रही थी। आप ने मैरिज न की हो।’
‘रिद्धमा ये फालतू की बकबास मत करो, तुम कहीं नहीं जा रही हो’ तुम नीरव का साथ इस जन्म में तो क्या अगले जन्म में भी निभाओगी, और मैं इस जन्म की तरह ही अगले जन्म भी सिर्फ नीरव की प्रेमिका ही बन कर तुम्हें टेंशन देती रहूंगी।’ गौरी फ़ीकी हँसी हँसते हुये बोली।
‘डॉक्टर शुभि जो तुम्हारा ट्रीटमेंट कर रही हैं। वो बहुत ही जानी-मानी डॉक्टरों में से एक है, और तुम्हें मैं बता ही चुकी हूँ वो मेरी अच्छी दोस्त भी है, रिद्धमा तुम चिंता मत करो
मैं शुभि से तुम्हरा बेस्ट से बेस्ट इलाज करने के लिए कहूंगी।साथ में भगवान से भी दुआ करुँगी कि तुम जल्दी से ठीक हो जाओ।’ गौरी ने ऋद्धिमा को आश्वस्त किया
तभी गौरी का सेलफोन बजता है। फोन पर बात सुन कर ‘ओह नो, सॉरी रिद्धमा मुझे सिर्फ दो दिनों के लिए आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ेगा। मुझे अभी निकलना पड़ेगा। पर मेरा दिल तुम को छोड़ कर जाने का नहीं हैं।’ गौरी ने आँखों से आंसू पोंछते हुये कहा।
‘यह मेरा कार्ड रखो नीरव से कहना वो मुझे फोन करें ।
काश मेरी मुलाकात हो जाती, अब दो दिनों बाद ही मैं नीरव से मिल पाऊँगी।’
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गौरी के जाने बाद नीरव कुछ क्षणों बाद रुम में आ जाता हैं। ‘नीरव तुम ने आने में बहुत देर कर दी, तुम्हें पता है डॉक्टर गौरी मुझ से मिलने आयी थीं।’
‘क्या ?’ आश्चर्य से नीरव का मुँह खुला का खुला रह जाता है कुछ पलों के लिए, ‘तो तुम सही थीं। पर वो तुम से मिलने?’ ‘मैं तुम्हें सब बताती हूं..
‘और वो मुझे बिना मिले ही चली गई’ नीरव ने उसकी बात अनसुनी कर दी।