दो प्यार भरीं मोहक ग़ज़लें। मोहब्बत की मीठी ग़ज़लें। लव ग़ज़लस इन हिंदी। गजल इन हिंदी
ग़ज़ल-सोहबत
ये शोर कैसा है धड़कनों में, ऐ दिल बता कि क्या चल रहा है
क्यों सारा आलम ये सारा मौसम, ज़हान सारा मचल रहा है।
मैं कैसे कह दूँ क्या हो रहा है, कि सीने में इक कसक उठी है
घुला हुआ है शहद फ़िज़ा में, कोई गुलाबों पे चल रहा है।
हमारा लहज़ा तुम्हारे नग़्मे, लो लज़्ज़तें भीं थिरक उठीं हैं
धुँवा उठा है हमारे दिल से, के ज़र्रा ज़र्रा पिघल रहा है।।
है नूर जैसी हसीन सोहबत, चिराग जैसा मैं खिल उठा हूँ
ज़माल तेरा मैं पा गया तो, न जाने सूरज क्यों जल रहा है।
इधर की बातें उधर न करना, हवाओ थोड़ा लिहाज़ करना
के मुश्किलों से वो आये ज़ानिब, मेरा मुकद्दर बदल रहा है।
ये शोर कैसा है धड़कनों में, ऐ दिल बता कि क्या चल रहा है
क्यों सारा आलम ये सारा मौसम, ज़हान सारा मचल रहा है।
ये भी पढ़ें-तड़पते दिल की दो मोहक ग़ज़लें
ये भी पढ़ें-दो बहुत ही रोमांटिक ग़ज़ल
ग़ज़ल-करामात
ज़र्द हो जाये आफ़ताब, तो फिर क्या करोगे
कल जो मुरझायेंगे गुलाब, तो फिर क्या करोगे।
ख़ुदा का शुक्र मनाओ की, जज़्ब करता हूँ
लबों पे आ गये ज़ज़्बात, तो फिर क्या करोगे।
ये आशनाई इश्क़ प्यार, बहुत अच्छा है।
कोई हो जाये करामात, तो फिर क्या करोगे।
सुरुर है कि मुकद्दस, मोहब्बतों की तड़प
निकल के आये सवालात, तो फिर क्या करोगे।
बहुत आता है लुत्फ़, रूठने मनाने में।
कहीं लग जाये कोई बात, तो फिर क्या करोगे।
सज़ा तो लूँ तुझे, सुरमे की तरह आँखों में
कभी जो आ गई बरसात, तो फिर क्या करोगे।
आदरणीय अमित जैन जी
मुझे आपकी रचनाये बहुत पसंद आई हैं ,
मेरी आपसे गुजारिश है ,
कि पेचीदा शब्दों का प्रयोग कम से कम किया जाये !(जर्द हो जाये आफताब) तो फिर क्या करोगे !
Please forgive me if there is any mistake by me.
प्रिय अमित जी,
आपकी रचनाएं दिल को छू जाती हैं। पढ़ने और सुनाने का मन करता है।