Speech 25th wedding anniversary – Silver jubilee speech, 25वीं शादी की सालगिरह पर भाषण, सालगिरह स्पीच

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Speech 25th wedding anniversary – दोस्तों हमारे परिवार में अक्सर ऐसा अवसर आता रहता है जब हमारे parents या uncle-aunty या किसी ख़ास रिश्तेदार की 25वीं शादी की सालगिरह या 50वीं शादी की सालगिरह का अवसर आ जाता है। और ऐसे अवसर पर कभी-कभी wedding anniversary speech देने की ज़िम्मेदारी या सौभाग्य हमें प्राप्त होता है। मैंने पोस्ट Speech 25th wedding anniversary में 25वीं शादी की बर्षगाँठ पर भाषण लिखा है। आशा है कि आप पाठकों को पसंद आयेगा।

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Speech 25th wedding anniversary

दोस्तों, आज के इस उपलक्ष्य मुझे एक कवि की दो पंक्तियाँ याद आ रहीं हैं कि-

जब शुभ सयोंग पनपते हैं, जब नीले छाते तनते हैं
जन्नत से तब जब होता है, तब ऐसे जोड़े बनते हैं।

जी हाँ दोस्तों, और मैं तो इस बात में विश्वास करता हूँ कि जोड़ियां स्वर्ग में तय होती हैं। यह ईश्वरीय मर्ज़ी ही तो है जो हमें अपने माँ बाप, अपने अग्रजों और अभिभावकों की, उच्च जीवन मूल्यों का मानक स्थापित करतीं आदर्श जोड़ियां दिखती हैं। शायद दूसरी दुनियां में ऊपर कहीं, किसी के जन्म लेने से पहले ही सब कुछ तय हो जाता है, तप, त्याग, अनुशासन, भूमिका, बड़प्पन और ज़िम्मेदारी सब कुछ ही।

और मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूँ कि हम बड़े भाग्यवान हैं जो हमें अपने आदर्श सरंक्षक के रूप में ऐसी जोड़ी नसीब हुई जिसने अपने तप से, परिश्रम से और सूझबूझ से ……………परिवार के औरा, छवि, प्रगति और प्रतिष्ठा को शिखर की ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

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और वह जोड़ी है परम आदरणीय श्री…………..जी-श्रीमति ……………….जी, जो कि मेरे पूज्य चाचाजी और चाचीजी हैं। आज हम सब उनकी सिल्वर जुबली एनीवर्सरी सेलीब्रेट करने के लिये यहाँ एकत्रित हुये हैं। एकबार जोरदार तालियाँ इस जोड़ी के लिये बजा दीजिये। धन्यवाद

दोस्तो, मैं अगर अपनी बात कहूँ तो मेरे लिये आज का यह आयोजन कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है। मेरे लिये तो आज का यह दिवस वह सुअवसर है जब मैं अपने परम आदरणीय चाचाजी एवम चाची जी के उपकारों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रेषित कर सकूँ, उनके प्रति अपना अतुल्य आदर प्रकट कर सकूँ।

स्नेह मूर्ति चाचाजी के व्यक्तित्व को अगर पँक्तियों में व्यक्त करूँ तो मैं कहूँगा कि-

ऐसा हुनर ऐसी सादगी ऐसी
रहनुमाई की कैफ़ियत नहीं देखी
किरदार तो बहुत देखें हैं ज़माने में
पर आप जैसी शख्सियत नहीं देखी।

और चाचीजी जिन्हें मैंने अपनी माँ से बढ़कर माना है। उन्होंने महज़ मुझे ही नहीं बल्कि घर परिवार के सभी बच्चों को माँ की तरह स्नेह दिया है। हम सब बच्चे उन्हें माँ ही मानते हैं और माँ के व्यक्तित्व को परिभाषित करने के लिये इससे बेहतर दो पंक्तियाँ नहीं हो सकतीं कि-

रहमत नेमत रहम करम सब, चुटकी में मिल जाते हैं
ईश्वर अल्लाह पीर पैगम्बर, माँ की बात और ही है।

आप चाहें तो तालियाँ बजा सकते हैं। धन्यवाद। दोस्तो, यह जोड़ा सन 1992 में आज के ही दिन वैवाहिक बन्धन में बंधा था। उस समय चाचाजी कपड़े के व्यवसाय को बहुत कुशलता से संभालने लगे थे। और जैसे ही चाचीजी का शुभ साथ उनको मिला चाचाजी के व्यापार और यश में चौगुनी तरक्की होने लगी।

चाचाजी ने ना केवल अपने परिवार के लिये ही योगदान दिया बल्कि समस्त………….समाज के उत्थान और उन्नति के लिये अथक प्रयास किया और value addtion किया। आज समाज मे इस परिवार का नाम प्रतिष्ठित शीर्ष परिवारों में शुमार होता है।

हमारी माँ जैसी चाचीजी ने परिवार के उच्चतम मूल्यों को ना केवल अक्षुण्ण रखा वल्कि उनको कड़े अनुशासन से पालन भी किया और हम बच्चों से भी पालन कराया। मैं अगर कहूँ कि………. परिवार की आत्मा चाचीजी में ही बसती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सेवाभावी, पूर्ण समर्पित, सबकी प्रिय बहु, ऐसी और जितनी भी उपमाएं उन्हें दी जाएं कम होंगीं।

पूज्य दादाजी श्री…………….की सातवीं संतान…… चाचाजी ने हम बच्चों को श्रेष्ठ संस्कार प्रदान किये। उनके बड़े बेटे भाई…….. जो आज CA के रूप में परिवार का नाम रौशन कर रहे हैं एवम छोटा बेटा स्नेहिल ……… CS अध्यन रत है और परिवार का नाम रौशन करने के लिये जीजान से अपनी पढ़ाई कर रहा है। मैं अंत में दो पँक्तियों के माध्यम से उनके दीर्घायु और शतायु होने की मंगल कामना करके, उनका आशीर्वाद लेकर अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा कि-

इनकी खुश्बू जग में फैले, यश उत्तंग हिम पर्वत हो
यही दुआयें इस जोड़े को, इनकी आयु शत शत हो

शादी की सिल्वर जुबली की बहुत बहुत बधाइयाँ-मंगल कामनायें चाचाजी-चाचीजी। आपका आशीर्वाद हमें सदा प्राप्त हो। बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों, आशा है कि आपको यह पोस्ट Speech 25th wedding anniversary जरूर पसंद आया होगा। अपनी प्रतिक्रिया comment box में दर्ज कर अपने विचारों से हमें अवगत अवश्य करायें।

 

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