26 जनवरी मंच संचालन स्क्रिप्ट 2018 – गणतंत्र दिवस मंच संचालन स्क्रिप्ट, Republic day Anchoring script in hindi

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26 जनवरी मंच संचालन स्क्रिप्ट 2018 – सभी तिरंगे के प्रेमियों को गणतंत्र दिवस 2018 की अग्रिम शुभकामनायें। indian Republic day 2018 निकट आ गया है। 26 जनवरी के राष्ट्रीय महोत्सव की तैयारियाँ आरंभ हो गई हैं। मेरे बहुत सारे एंकर दोस्त 26 जनवरी 2018 की एंकरिंग की तैयारियों में व्यस्त होने वाले हैं। मैंने यह article 26 जनवरी मंच संचालन स्क्रिप्ट 2018 आप सभी मंच संचालक मित्रों को थोड़ी बहुत सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से लिखा है। आपको यह पोस्ट कैसा लगा, सदा की तरह अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया अवश्य दें।

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26 जनवरी मंच संचालन स्क्रिप्ट 2018

एंकर फ़ीमेल- सर्वप्रथम सभी प्यारे भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ एवम शुभकामनायें। एक बार हम सब मिल कर, पूरे उमंग और उत्साह के साथ, माँ भारती का जयकारा करेंगें। भारत माता की…जय, भारत माता की…जय, भारत माता की….जय।

साथियों, आज हम 1,29,72,00,000 भारतीय मिलकर अपना 69 वां गणतंत्र मना रहे हैं। चकित कर देने वाली बात है कि हम दुनिया की आबादी के 17% जनसमूह को आसरा देते हैं। हम सब इस बात गर्व कर सकते हैं कि 14 लाख सैन्य बलों की विशाल तादात के साथ हम दुनिया की 3सरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत और साथ ही 3सरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जाने जाते हैं।आज़ादी की के बाद हमने देश को यहाँ तक पहुंचाने में ख़ूब मेहनत की है, इसका पूरा पूरा श्रेय आप सभी को जाता है, मैं चाहती हूँ कि आप सब अपने लिये एकबार जोरदार तालियाँ बजा दीजिये। धन्यवाद

आप सबके फौलादी इरादों, ज़िद और ज़ज़्बे को मशहूर शायर अली सरदार जाफ़री जी की चार पँक्तियाँ अर्पित करती हूँ कि..

गरजती हैं तोपें, गरजने दो इनको
दुहुल बज रहे हैं, तो बजने दो इनको,
जो हथियार सजते हैं, सजने दो इनको
बढ़ेंगे, अभी और आगे बढ़ेंगे!

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आज के इस स्वसत्ता के महोत्सव में हमारे महाविद्यालय …………. की तरफ से मैं संपदा जैन यहाँ पधारे सभी गणमान्य अतिथियों और सभी देशभक्तों का इन पंक्तियों के साथ स्वागत करती हूँ कि-

यह बसंती फ़िज़ा, अपना दिल जिनके नाम करती है
उनको संपदा जैन, जय हिंद-वंदेमातरम कहती है।

तो साथियों वक्त हो चला है कि हम तिरंगे के तीन रंगों की अलौकिक आभा से इस प्रांगण को सरोबार करदें। हमारे मुख्य अतिथि XYZ निगम के चेयरमैन श्रीमन …………. , आज के कार्यक्रम अध्यक्ष प्रसिद्ध समाजसेवी एवम उद्योगपति श्रीमन……….एवम हमारे संस्थान के ट्रस्टी परम् आदरणीय श्रीमन……..भी हमारे बीच में पधार चुके हैं। मैं सभी सम्मानीय अतिथियों से विनम्र अनुरोध करती हूँ कि वो ध्वजारोहण की पुनीत परंपरा को सम्पन्न करें।

(ध्वजारोहण संपन्न)

वंदे-मातरम, वंदे-मातरम, वंदे-मातरम। भारत माता की….जय। हमारी आन बान और शान का प्रतीक हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, यूँ ही उन्मत्त हो कर ऊँचा और भी ज्यादा ऊँचा लहराये, इसी कामना के साथ चार पंक्तियाँ तिरंगे के नाम आप सबको सौंपतीं हूँ कि..

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चाँद के पार, नई दास्तान हो जाये
हमारे ध्वज का दीवाना, ज़हान हो जाये
जहाँ में हर तरफ़, तिरंगे की कहानी हो
फ़लक से ऊँची, तिरंगे की शान हो जाये।

हमारे राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में ज़ोरदार तालियाँ बजा दीजिये। साथियों, जैसी कि हमारी सांस्कृतिक परंपरा है, किसी भी आयोजन को मंगलमय बनाने के लिये हम दीप प्रज्वलन करके माँ भारती और माँ सरस्वती से सर्वे भवंतु सुखिनः की कामना करते हैं। मैं हमारे मुख्यातिथि एवम कार्यक्रम अध्यक्ष से मंगल ज्योति प्रज्वलित करने का अनुरोध इन पंक्तियों के साथ करती हूँ-

कण कण ज्योतिर्मय हो जाये, दीपक यश गान सुनाता हो
तम द्वेष अहम सब नश जायें, नस नस में भारत माता हो।

(दीप प्रज्ज्वलन समापन)

आप सब से अनुरोध है कि जोरदार करतल ध्वनि से दिव्य क्रम का अनुमोदन कर दीजिये। धन्यवाद

उत्सव का यह क्रम मंच पर विराजित हमारे गणमान्य अथितियों के स्वागत का है। यह जश्न, यह संस्थान, यह प्राँगण जिन विभूतियों के गरिमामय सानिध्य से आलोकित है, मैं उनके अभिनदंन में स्वागत नृत्य की प्रस्तुति के लिये कॉलेज की छात्रा…….को मंच पर आमंत्रित करती हूँ कि वो आयें और अपनी प्रस्तुति दें।

(स्वागत नृत्य संपन्न)

अतीव सुंदर। वाह। जोरदार करतल ध्वनि हमारे संस्थान की छात्रा…..की इस मनोरम प्रस्तुति के लिये। धन्यवाद

दोस्तों, इतिहास गवाह है कि चाहे आज़ादी की जंग रही हो या सामाजिक उत्थान की मुहिम, ढेरों रहनुमा इस देश को मिलते आये हैं। जिन्होंने अपना सर्वस्व इस देश की तरक्की के लिये न्यौछावर कर दिया। हमें यह बात कहने और स्वीकार करने में कोई गुरेज़ नहीं होना चाहिये कि आज भारत देश जिस मुकाम पर है, उस पर पहुँचाने में इन नेतृत्व कर्ताओं का अमूल्य योगदान है। ऐसे ही कुछ करिश्माई व्यक्तित्व की धनी विभूतियाँ हमारे बीच पधारी हैं। जिनके योगदान और समर्पण से यह देश फलफूल रहा है-कीर्तिमान गढ़ रहा है।

मैं मंच पर विराजित शख्सियतों को समवेत रूप से नमन करती हूँ। इस क्रम को और प्रचुर बनाते हुये मैं आज के मुख्य अतिथि माननीय श्रीमन………….जी के करिश्माई व्यक्तित्व को चंद पंक्तियाँ सौंप कर उनके स्वागत के लिये हमारे कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड………सर को आमंत्रित करती हूँ कि वो आयें और मुख्य अतिथि जी का श्रीफल दुशाला से अभिनन्दन करें। पँक्तियाँ कहती हूँ कि-

ये हमको नेक सरल, एक सन्त लगते हैं
ख़ुदाई नूर मिला, तेजवंत लगते हैं
हमें तो पहली नज़र, आदमी की सूरत में
फ़लक से आये, कोई राजहंस लगते हैं।

(स्वागत संपन्न)

ज़ोरदार तालियाँ हमारे मुख्य अतिथि जी के लिये। इसी क्रम में आज के कार्यक्रम अध्यक्ष माननीय…….जी के स्वागत के लिये हमारे कॉलेज के गौरव……. डिपार्टमेंट के hod……..सर को अध्यक्ष जी को समर्पित इन पंक्तियों के साथ आमंत्रित करती हूँ कि..

विमल वर्ण प्रज्ञा विमल, विमल प्रवत्ति वान
उपकृत यह संस्थान है, आये जो श्रीमान।

(स्वागत संपन्न)

तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत क्रम का समर्थन कर दें। इसी क्रम में हमारे आज के कार्यक्रम के सरंक्षक हमारे प्रेरणा स्रोत, इस संस्थान के ट्रस्टी माननीय श्री……..जी सर के मोहक व्यक्तित्व को पंक्तियाँ अर्पित करती हूँ कि..

जो तूफानों में किनारे तक पहुंचा दे
ऐसी अब कश्तियाँ नहीं मिलतीं
गम को गले से लगा कर खुशी बांटे
ऐसीं जादू की झप्पियाँ नहीं मिलतीं
ख़ुद के लिये जूझने वाले इस जहाँ में
एक ढूढों तो हज़ारों मिल जायेंगे
दूसरों की खुशी के लिये जूझने वाली
आप जैसी हस्तियां नहीं मिलतीं।

(स्वागत संपन्न)

ज़ोरदार तालियाँ हमारे परम् आदरणीय ट्रस्टी जी के लिये। स्वागत के अंतिम क्रम में आज के कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हमारे भविष्य के कुशल शिल्पी परम श्रध्देय प्रिंसिपल सर………के विराट व्यक्तित्व को चंद पंक्तियाँ सौंप कर उनके स्वागत के लिये……… के hod…….सर को आमंत्रित करती हूँ कि..

शीश चढे तो दीजियो, सतगुरु का न मोल
कम है कीमत जानियो, गुरु हैं बड़े अमोल।

(स्वागत सम्पन्न)

ज़ोरदार करतल ध्वनि हमारे प्राचार्य महोदय जी के लिये। साथियों मसीहाई शख्सियतें बड़े ही सौभाग्य से मिलती हैं। उनके जीवन का विराट अनुभव और परिष्कृत सोच किसी के भी जीवन मे बदलाव लाने के लिये पर्याप्त है। आज सुअवसर है ऐसे ही करिश्माई शख्सियत के उद्गारों को सुनकर अपने जीवन मे परिवर्तन लाने का। मैं हमारे चीफ गेस्ट से निवेदन करती हूँ कि वो अपनी अमृत वाणी से हम सबका पथ प्रदर्शित करें।

(उद्बोधन समाप्त)

तालियों की गड़गड़ाहट से अपने मुख्य अतिथि जी को कृतज्ञता प्रेषित कर दीजिये। धन्यवाद

तो दोस्तों वक़्त हो चला है कि आज हम अपनी स्वसत्ता के अहसास को झूमकर महसूस करें। हम गणतंत्र दिवस के जश्न को डूब कर महसूस करें। अवसर आ गया है कि हम इस देश को इस मुकाम पर पहुंचाने में योगदान करने वाले माँ भारती के लाड़लों को नमन करें। मैं आज के महोत्सव की पहली प्रस्तुति देशभक्ति ग्रुप डांस ‘आओ हिंदुस्तान बनायें’ की ओर आपको ले चलती हूँ, जिसे लेकर आ रहे हैं, हमारे साथी 1….,2…..,3…….,4…..,5……,6…….. मैं कवि उदयप्रताप जी की इन पंक्तियों के साथ प्रस्तुति आपको सौंपतीं हूँ कि..

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