जलियाँवाला बाग हत्याकांड : जलियांवाला बाग हत्याकांड पर कविता
जलियाँवाला बाग हत्याकांड – परतंत्र भारत में फिरंगियों के काले और बर्बर ज़ुल्मों का सबसे काला पन्ना अगर कोई है तो वो है जलियाँवाला बाग हत्याकांड । इस हत्याकांड में शहीद देशबासियों को इस कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड
पर हिंदी कविता
इन इतर कयासों को छोड़ो, मैं खूंरेजी का किस्सा हूँ
हूँ ख़्वार मगर पाकीज़ा हूँ, मैं जलियाँ वाला हिस्सा हूँ
नस-नस में लावा बहने की, ये रुधिर फुलंगों की बातें
क्षत-विक्षत बिखरे रक्त सने, अपनों के अंगों की बातें
फूलों के कुचले जाने की, गुंचों के मसले जाने की
कुचलों को और कुचलने की, गिरतों को और गिराने की
अपने हिस्से की साँसों की, अपनी निज़ता की बातों की
बारूदों की ज़द में मचले, बेख़ौफ़ उठे अरमानों की
अंतिम निर्णय का शंखनाद, मैं विद्रोहों का किस्सा हूँ
मैं मतवालों की मस्ती हूँ मैं, जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।
ग़ुस्ताख़ी मत करना कोई, चौकंद यहाँ पर रहना तुम
ख़ामोशी से ख़ामोशी को, कुछ कह लेना कुछ सुनना तुम
धीरे-धीरे हौले-हौले, जेहाद की आवाज़ें सुनना
ज़िद में मचलीं आज़ादी की, उन्माद की आवाज़ें सुनना।
महसूस करो तो कर लेना, स्व-राज की खूनी तनातनी
अरमान उठे तो भर लेना, मुट्ठी में मिट्टी लहू सनी।
कण कण फिर बोल उठेगा मैं, किस आहुति का किस्सा हूँ
हूँ ख़्वार मगर पाकीज़ा हूँ, मैं जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।
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Jallianwala bagh Massacre
hindi poem
In itar kayaason ko chhodo,
main khoonreji ka kissa hoon
hoon khwar magar paakeeza hoon,
main jaliyanvala hissa hoon.
Nas nas me laava bahne ki,
ye rudhir fulangon kee baaten
Kshat-vikshat vikhre rakt sane,
apanon ke angon kee baaten.
phoolon ke kuchle jaane kee,
gunchon ke machle jaane kee
kuchlon ko aur kuchalne ki,
girton ko aur girane kee.
apne hisse kee saanson kee,
apni nijta kee baaton kee
baaroodon kee zad me machle,
bekhauf uthe armaanon kee.
antim nirnay ka shankhnaad,
main vidrohon ka kissa hoon
main matvaalon ki mastee hoon
main jaliyaanvala hissa hoon.
gustaakhee mat karna koi,
chaukand yahaan par rahna tum
khaamoshi se khaamoshi ko,
kuchh kah dena kuchh sunna tum.
dheere-dheere haule-haule,
jehaad ke aavaazen sunna
zid me machli aazaadi ki,
unmaad ki aavaazen sunna.
mahsoos karo to kar lena,
swa-raaj ki khooni tanatani
armaan uthe to bhar lena,
mutthi me mitti lahoo sani.
kan-kan fir bol uthega main,
kis aahuti ka kissa hoon
hoon khwar magar paakeeza hoon,
main jaliyanvala hissa hoon.
कण कण फिर बोल उठेगा मैं, किस आहुति का किस्सा हूँ
हूँ ख़्वार मगर पाकीज़ा हूँ, मैं जलियाँ वाला हिस्सा हूँ।
बहुत ही सुंदर।
आपका ह्रदय से आभार आदरणीया। आपका स्नेह मिला, आनंदित हूँ। आपका अतुल्य धन्यवाद। पुनः पधारें
जलियांवाला बाग़ का दमन एक काला अध्याय है अंग्रेजी शासन पर … और देश के नामूलूम कितने शहीदों का बलिदान छुपा है इसकी मिटटी में ….
नमन है मेरा देश के शहीदों को … आपकी लेखनी को भी नमन है वो सोचने पे मजबूर कर देती है …
आदरनीय नासवा जी, आपका प्रोत्साहन मेरे लिए पुरुस्कार सम है। आपकी सराहना ऊर्जा से लबरेज़ कर देती है। बहुत बहुत आभार धन्यवाद। पुनः पधारें
बहुत बहुत आभार आपका मौलिक जी इतनी उम्दा कविता से रूबरू कराने के लिए🙏