ग़ज़ल-बेशरम। Gazal-Besharam । तक़रार की ग़ज़ल । रुसवाई की ग़ज़ल । अलगाव की ग़ज़ल । एक प्यारी सी ग़ज़ल

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ग़ज़ल-बेशरम : मोहब्बत में रुसवाई हो जाती है, लड़ाई हो जाती है, अलहदगी तक भी हो जाती है लेकिन बेशरम दिल का क्या करें, याद उसी बेमुरब्बत को करता है जिसने दिल को दर्द दिया है। इसीलिये शायद कहा जाता है कि दिल है कि मानता नहीँ। इस आर्टिकल में प्रस्तुत ग़ज़ल-बेशरम में ऐसे ही अलहदगी से उपजी तल्ख़ियों की ऐसी बयान बाजी हैै जो कि आपके दिल को छू जाएगी। ग़ज़ल-बेशरम ने कितना आपके दिल को छुआ इस बावत आपकी अफ़ज़ाई का इंतज़ार रहेगा।

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ग़ज़ल-बेशरम

जो बचा बाँट लें, तल्ख़ रिश्ता करें
अलहदा ठीक है, ख़त्म किस्सा करें।

ख़्वाब भर आहटें, रात भर करवटें
इक पहर भर कसम, आओ हिस्सा करें।

इंतज़ामात कुछ, कुछ ख़ुरानी करो
आओ दिल तोड़ लें, हाल ख़स्ता करें।

बांकपन मस्तियाँ, आशना छोड़ दो
थोप कर तोहमतें, ग़ार चस्पा करें।

चांदनी बेअदब, नूर कातिल हुआ
चाँद से दूरियां, रफ़्ता-रफ़्ता करें।

आसमाँ बन गये, तल्खियों के धुंये
क्या मसीहा करें, क्या फरिश्ता करें।

सख्तियां नर्मियां, सारे टोने किये
और क्या बेशरम, दिल का नुस्खा करें।

तल्ख़-कड़वे, शुष्क
अलहदा-अलगाव, जुदाई
ख़ुरानी-घात करना, पीड़ा पहुँचाना
ख़स्ता-टूटा हुआ, उदासीन
आशना-प्रेमी-प्रेमिका, प्रेम
ग़ार-विश्वासघाती, धोखा देने वाला

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Gazal-Besharam

Jo bacha baant len, talkh rishta Karen
Alhada theek hai, khatm kissa karen.

Khawab bhar aahten, raat bhar karwaten
Ik pahar bhar kasam, aao hissa karen.

Intzamaat kuchh, kuchh khurani karo
Aao dil tod len, haal khasta karen.

Baankpan mastiyan, ashnaa chhod do
Thop kar tohmaten, gaar chaspa karen.

Chandni be-adab, noor qaatil hua
Chaand se duriyaan, rafta-rafta karen.

Aasmaa ban gaye, talkhiyon ke dhuyen
Kya maseeha karen, kya farishta karen.

Sakhtiyan narmiyan, saare tone kiye
Aur kya besharam, dil ka nuskha karen.

Talkh- kadwe, shushk
Alhada- alagaaw, judai
Khurani – ghaat karna, peeda pahunchana
Khasta-tuta hua, udaas een
Aashna- premi-premika, prem
Gaar- vishwash ghaati, dhokha dene wala.

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